आप सोच रहे होंगे की साईकिल जैसा साधारण दो पहिया वाला वाहन किसी ने हाल ही बना लिया होगा पर ऐसा नहीं है। साईकिल का इतिहास काफी दशक पुराना है जाहिर सी बात किसी ने साईकिल से पहले टू व्हीलर और फॉर व्हीलर के बारे में सोचा नहीं होगा। आज जो हम यातायात देखते है या इन वाहनों का उपयोग करते है। इनके बारे में कुछ दशकों पहले तक किसी ने सोचा तक नहीं था। कुछ साल पहले तक तो आज के यातायात साधन लोगों के लिए किसी अजूबे से कम नहीं थे।
आज हम जिन यातायात संसाधनों का उपयोग करते हैं जैसे कि रेलगाड़ी, हवाई जहाज, बस, ट्रक, कार आदि ये सब संसाधन पहले के जमाने में नहीं थे। लोग अपने सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए खच्चर, गधा, बेलगाडी, घोड़ा गाड़ी आदि जैसे साधनों का उपयोग किया करते थे।
जब साईकिल का आविष्कार हुआ तो लोग यातायात के लिए साइकिल का उपयोग करने लगे लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आज हम जिस साइकिल का स्वरूप देखते है वह उसमें 200 वर्षों में हुये अनेकों बदलावों का परिणाम हैं।
साईकिल का आविष्कार किसने किया था ?
क्या आपको पता है कि cycle ka avishkar kisne kiya tha? साइकिल के आविष्कार का श्रेय जर्मनी के कार्ल वॉन ड्राइस Karl von Drais को दिया जाता है। दुनिया की पहली साइकिल का आविष्कार आज से लगभग 200 वर्ष पहले सन् 1817 में कार्ल वाॅन ड्राइस के द्वारा किया गया।
साईकिल का आविष्कार कब और कैसे हुआ ?
सन 1815 ई. में इण्डोनेशिया में माउन्ट टैम्बोरा ज्वालामुखी में भारी विस्फोट हुआ, जिसमें उत्पन्न राख के बादल हर जगह फ़ैल गए। इससे वैश्विक तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली। जिसका असर पृथ्वी के उत्तरी देशों में हुआ जहां के कई देशों में फसलें बर्बाद हो गई।
फसलें तबाह होने के कारण वहां के देशों में भुखमरी जैसे हालत हो गए। जिस कारण वहां काफी संख्या में पालतू पशुओं की मृत्यु होने लगी। क्योंकि उस समय पालतू पशुओं का इस्तेमाल सामान ढोने व यातायत के रूप में किया जाता था। ऐसे में पशुओं की मृत्यु को देखते हुए मवेशियों को एक सामान को दूसरी जगह ले जाने के लिए दूसरे विकल्प की तलाश करने लगे। ऐसे में हुआ साईकिल का आविष्कार।
शुरुआत में साईकिल लकड़ी से बनायीं गई थी। जिसमें कोई पैडल नहीं होते थे इसे चलाने के लिए व्यक्ति को धक्का लगाना पड़ता था पर इसमें समय समय पर बदलाव हुआ है आज हम जो साईकिल देखते है वह 200 सालों में हुए बदलावों का परिणाम है।
Karl von Drais कार्ल वॉन ड्राइस यूरोप के एक प्रसिद्ध आविष्कारक थे। Karl von Drais ने जब साईकिल का आविष्कार किया था तो उस समय उनके द्वारा बनायी गयी लकड़ी की साईकिल का वजन 23 किलोग्राम था। 12 जून 1817 ई. में कार्ल वॉन ने जर्मनी के मैनहेम और रिनाउ शहर के बीच अपनी साईकिल को चलाकर लोगों के सामने प्रदर्शित किया। इस दौरान उन्होंने साईकिल को 7 किलोमीटर चलाया जिसमें उनको एक घंटे से भी अधिक का समय लगा।
भारत में साईकिल का आविष्कार कब हुआ ?
भारत में जब साईकिल का आविष्कार हुआ था तब भारत में अंग्रेजों का शासन था। जाहिर है कि साईकिल का आविष्कार यूरोप के Karl von Drais के द्वारा ही पहले हो चुका था ऐसे में अंग्रेजों के द्वारा ही भारत में साईकिल का आयात हुआ था। भारत में साइकिल का आयात अंग्रेजों द्वारा ब्रिटेन से किया जाता था। अंग्रेजों ने भारत में सन 1910 ई. में लगभग 35,000 साइकिलों का आयात किया, फिर उसके बाद सन 1940 ई. में लगभग 70,000 साईकिल और सन 1950 ई. में लगभग 2,00,000 साइकिलों का आयात किया था।
भारत में साईकिल का निर्माण कब हुआ ?
भारत में साइकिल का निर्माण सन 1942 ई. में शुरू हुआ था। भारत में साइकिल बनाने वाली पहली कंपनी ‘हिंद साइकिल’ Hind Cycle थी जो मुंबई में स्थापित कि गई।